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अनाचारी
Meanings: 6; in Dictionaries: 6
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vandal
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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sinful
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
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wicked
Meanings: 7; in Dictionaries: 4
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unholy
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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बटवाळ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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सावळगोंदा
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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devious
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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आळिका
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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असंबध्द
Meanings: 4; in Dictionaries: 1
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अमर्याद
Meanings: 17; in Dictionaries: 10
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निस्सीम
Meanings: 6; in Dictionaries: 6
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प्रसंग तेरावा - सारीं अविद्येचीं लक्षणें
श्री संत शेख महंमद ( १५६०-१६५०) महाराष्ट्रातील वारकरी संप्रदायातील संत होते त्यांचे मुळ गाव श्रीगोंदा, जि अहमदनगर. शेख महंमदाना महाराष्ट्रात कबीराचा अवतार म्हणून ओळखले जाते.
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पुरंदरायण - मी पुण्यवंत रे
कन्नड संतकवी हरिदास पुरंदरदास ह्यांचे जीवन दर्शन..
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lawless
Meanings: 6; in Dictionaries: 4
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lax
Meanings: 14; in Dictionaries: 7
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प्रसंग आठवा - भाव-भक्ति
श्री संत शेख महंमद ( १५६०-१६५०) महाराष्ट्रातील वारकरी संप्रदायातील संत होते त्यांचे मुळ गाव श्रीगोंदा, जि अहमदनगर. शेख महंमदाना महाराष्ट्रात कबीराचा अवतार म्हणून ओळखले जाते.
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licentious
Meanings: 8; in Dictionaries: 4
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savage
Meanings: 14; in Dictionaries: 4
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विविध विषय - निंदक
श्री समर्थांनी दासबोध ग्रंथासोबतच गाथा रचून इतिहास घडविला आहे .
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प्रारब्धपर अभंग
प्रारब्धपर अभंग
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प्रसंग नववा - सगुण-निर्गुण
श्री संत शेख महंमद ( १५६०-१६५०) महाराष्ट्रातील वारकरी संप्रदायातील संत होते त्यांचे मुळ गाव श्रीगोंदा, जि अहमदनगर. शेख महंमदाना महाराष्ट्रात कबीराचा अवतार म्हणून ओळखले जाते.
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प्रसंग बारावा - द्वारांच्या देवता-बाष्कळ समजुती
श्री संत शेख महंमद ( १५६०-१६५०) महाराष्ट्रातील वारकरी संप्रदायातील संत होते त्यांचे मुळ गाव श्रीगोंदा, जि अहमदनगर. शेख महंमदाना महाराष्ट्रात कबीराचा अवतार म्हणून ओळखले जाते.
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नासिकेतोपाख्यान - अध्याय २०
महीपति महाराजांनी कथन केलेली नासिकेत ग्रंथावली साधु तुकाराम महाराजांनी लिहून घेतली .
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दुष्ट
Meanings: 69; in Dictionaries: 11
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पंचक - मूर्खपणपंचक
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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लक्षणे - ४ ते ६
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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दांभिकास शिक्षा - ६१४१ ते ६१५०
तुकारामबाबा आणि त्यांचे शिष्य यांच्या अभंगांची गाथा.
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प्रसंग सतरावा - आपापल्या पुरुषार्थाच्या वल्गना
श्री संत शेख महंमद ( १५६०-१६५०) महाराष्ट्रातील वारकरी संप्रदायातील संत होते त्यांचे मुळ गाव श्रीगोंदा, जि अहमदनगर. शेख महंमदाना महाराष्ट्रात कबीराचा अवतार म्हणून ओळखले जाते.
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पंचमान - मान ३
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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विविध विषय - अध्यात्म
श्री समर्थांनी दासबोध ग्रंथासोबतच गाथा रचून इतिहास घडविला आहे.
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मूळस्तंभ - अध्याय १९
‘ मूळस्तंभ ’ पोथी म्हणजे शिव- पार्वती संवादरूपातील शिवपुराणावरील शोधनिबंध आहे.
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अभंग ९१ ते १००
श्रीकृष्ण बांदकर महाराजांचा जन्म शके १७६६ क्रोधीनाम संवत्सरात आषाढ शुद्ध ११ एकादशीच्या महापर्वणीस झाला. N/A
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अभंग - ९१ ते १००
श्रीसद्गुरु कृष्ण जगन्नाथ भट्ट बांदकरमहाराज.
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मूर्खलक्षणनाम - ॥ समास तीसरा - कुविद्यालक्षणनाम ॥
इस ग्रंथराज के गर्भ में अनेक आध्यात्मिक ग्रंथों के अंतर्गत सर्वांगीण निरूपण समाया हुआ है ।
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अखंडध्याननाम - ॥ समास सातवां - युगधर्मनिरूपणनाम ॥
‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन इस में है ।
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बोधपर अभंग - ५१७१ ते ५१८०
तुकारामबाबा आणि त्यांचे शिष्य यांच्या अभंगांची गाथा.
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विविध विषय - भक्तिपर अभंग
श्री समर्थांनी दासबोध ग्रंथासोबतच गाथा रचून इतिहास घडविला आहे .
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आचार
Meanings: 54; in Dictionaries: 10
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अध्याय पहिला - समास तिसरा
श्रीसद्गुरुलीलामृत
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स्फुट अभंग - ज्ञानशतक
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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मंत्रों का नाम - ॥ समास आठवां - मुमुक्षुलक्षणनाम ॥
‘संसार-प्रपंच-परमार्थ’ का अचूक एवं यथार्थ मार्गदर्शन इस में है ।
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एकनाथी भागवत - श्लोक १९ वा
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
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मूर्खलक्षणनाम - ॥ समास पांचवां - रजोगुणलक्षणनाम ॥
इस ग्रंथराज के गर्भ में अनेक आध्यात्मिक ग्रंथों के अंतर्गत सर्वांगीण निरूपण समाया हुआ है ।
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महिपतिकृत पदें
अनेककविकृत पदें.
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जनस्वभाव - गोसावी
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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कथाकल्पतरू - स्तबक ३ - अध्याय ८
'कथा कल्पतरू' या ग्रंथात चार वेद, सहा शास्त्रे, अठरा पुराणे, तसेच रामायण, महाभारत व श्रीमद्भागवत हे हिंदू धर्मिय वाङमय ओवीरूपाने वर्णिलेले आहे.
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नामपाठ - अभंग १६११ ते १६३०
श्रीसंतएकनाथ महाराजांची गाथा म्हणजे श्रीराम व श्रीकृष्णाच्या अवताराचे मनोवेधक वर्णन.
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नासिकेतोपाख्यान - अध्याय १९
महीपति महाराजांनी कथन केलेली नासिकेत ग्रंथावली साधु तुकाराम महाराजांनी लिहून घेतली .
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श्री कृष्णा माहात्म्य - अध्याय ५
विष्णूंच्या चरणांपासून कृष्णा नदी उत्पन्न झाली म्हणून तिचे पाणी विष्णुपादोदक आहे. त्यामुळे गंगेपेक्षाही तिचे महत्त्व अधिक आहे.
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